Posted on January 27, 2023January 27, 2023 by Sanjay Purohit मत मती सन्मति.. गत गति सद्गति… राज, नीति, सन, मती, अति, गति, इन्हीं में प्रगति भी है, स्वराज भी है, तो मां भारती भी है .. अतः ये हमें अपने स्वविवेक से तय करना होगा कि सुंदर व सार्थक राज्य के लिए नीति को राज के स्थान पर गति से जोड़ें एवं नीतिगत कार्य करें.. Share this:FacebookXLike this:Like Loading... Read more