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अच्छे का अस्तित्व बुरे की उपस्थिति से है -Existence of Good due to presence of Bad 0 (0)

Good Bad

यदि सिर्फ अच्छा ही रहे तो कुछ सदियों के बाद वो अच्छा कैसे माना जाएगा..क्योंकि अच्छा शब्द तो बुरे की वजह से है और यदि वजह ही नहीं रहे तो फिर वो अच्छा ना होके क्या माना जाएगा..?

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अवस्था की व्यवस्था 0 (0)

Avastha ki vyavastha

अतः विचारणीय ये है कि किसी भी एक अवस्था कि व्यवस्था यदि कमजोर अथवा ढीली रही तो संपूर्ण व्यक्तित्व की दशा डांवाडोल हो जाएगी..

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अब तो मजहब कोई ऐसा भी बनाया जाए 0 (0)

Stop Child abuse

किंतु उसका इतने दर्दनाक और अमानवीय हश्र में परिणित होना हमें अंदर तक झकझोरने के साथ ही ये भी सोचने पर मजबूर करता है कि हम वास्तव में किस दिशा में जा रहे हैं.. आगे पढ़िए

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स्वयं का समर्थन करें अन्य का विरोध नहीं.. 0 (0)

Swayam ka Samarthan Karen

मैंने बीच में उनकी बात काटते हुए किन्तु उनके विश्वसनीय जज्बे को देखकर कहा मोहतरमा क्या आप मेरी बात भी सुनेंगी.. तो वे अपने पूर्वाग्रह से लगभग मुक्त होते हुए बोलीं हां हां कहिए प्लीज़.. क्या कहना है आपको.. मैंने कहा क्या आपने आजका न्यूज़ पेपर पढ़ा है.. खासकर मुख्य पृष्ठ..? …आगे पढ़िए

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खुशियों का असल पता.. 0 (0)

मुझे ये पूर्ण विश्वास है कि हम सभी लोग इन सब बातों को भलीभांति जानते समझते हैं.. मैं कोई प्रथम इंसान नहीं हूं जो ये सब कह रहा हूं.. किंतु फिर भी हम इन्हें अप्लाई नहीं करते .. यदि करते भी हैं तो ना के बराबर..

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ज़िन्दगी अभी बाकी है… Zindagi Abhi Baaki 0 (0)

zindagi abhi baaki hai

… हमारी सांत्वना का कोई महत्व ही नहीं रहा।सारा कामधाम छोड़कर क्या यह ज्ञान की बातें सुनने आये थे हम यहां ? (“इस दृश्य को गहरे से समझने की आवश्यकता है हमें शायद”)

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हम दुखी क्यों हैं..? 0 (0)

हम दुखी क्यों हैं..?उपरोक्त कथन हर इंसान अपने जीवन में कभी न कभी अवश्य महसूस करता है..सभी को कोई दुःख तो होता ही है..अब किसको कितना दुःख है इसका आंकलन कौन व कैसे करे..?जैसे कि एक व्यक्ति को हाथ में फ्रेक्चर हो गया तो वह दुःखी हो जाता है कि मेरे साथ ही ऐसा क्यूं…

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