Posted on

सितारों का सिनेमाई प्रेम व असल प्रेम- Cinema & Celebrities reel love vs real love!

सिनेमा और सिनेमाई सितारे Cinema & Celebrities

ज़रा विचार करिए की आज हमारे जीवन में सबसे अधिक महत्व किन चीज़ों का है..?
जी हां..
फ़ोन, इंटरनेट, सिनेमा, सोशल मीडिया, क्रिकेट इत्यादि..

Cinema & Celebrities reel love vs real love!
Image via Flickr by Meena Kadri


अब हम जिनसे सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं वे होते हैं सिनेमा के सितारे..
उन्हीं की तरह दिखना, सजना संवरना उनकी अदाओं की कॉपी करना और अक्सर उन्हीं के ख्यालों में रहना.. खासकर युवाओं में ये बहुत अधिक लोकप्रिय होते हैं..

उनका पर्दे पर प्रेम करना प्रेम की हद दर्शाना प्रेम के लिए मर मिटना ये सब देख हम उनके दीवाने हो जाते हैं और अपने असल जीवन में उन्हीं का अनुसरण करने लगते हैं..
और उनके काल्पनिक किरदार को अपने वास्तविक जीवन पर हावी कर लेते हैं..

अब बात की जाए उनके वास्तविक जीवन की तो यकीन मानिए बस कुछ ही गिने चुने अदाकार हैं.. जो अपने कमिटमेंट पर खरे हैं (प्रेम व शादी) अन्यथा अधिकतर वे लोग हैं जिन्हें बार बार सच्चा प्यार होता रहता है..

आज इससे कल उससे..
जो पर्दे पर सिर्फ एक लड़की या लड़के के लिए जान तक देने और लेने को तैयार होते हैं.. अपना और अपने परिवार तक की परवाह ना करते हुए सिर्फ अपने प्रेम को ही तरजीह देते हैं..

वे असल जीवन में अपने प्यार को बदलते रहने से भी गुरेज नहीं करते..
उनका वास्तविक जीवन प्रेम के मामले में इतना नाटकीय और असंतुलित होता है कि यकीन करना मुश्किल हो जाए..

माना कि प्रेम हो जाता है किया नहीं जाता..
पर कितनी बार ..?
एक दो तीन चार या बार बार..?
और एक को ही नहीं दोनों को ही..
कमाल है ना..

ज़रा दो मिनिट आंखें बंद करके अपने सबसे पसंदीदा एक्टर एक्ट्रेस के बारे में सोचिए और वास्तविक जीवन में उनके प्रेम के रिश्तों के बारे में भी..
आपको खुद ही अहसास हो जाएगा कि उनके फिल्मी प्यार और असल प्यार में कितना फ़र्क है..

निश्चित रूप से ये उनका व्यक्तिगत मसला होता है पर जिनको लाखों करोड़ों लोग फॉलो करते हैं जिनका अनुसरण करते हैं.. उनका हर एक्शन उन लोगों के लिए बहुत मायने रखता है.. इसलिए उनकी थोड़ी बहुत जिम्मेदारी तो बनती ही है..

खैर उनसे तो हम ज़्यादा उम्मीद कर नहीं सकते और ना ही हमारे अनुसार जीवन जीने को बाध्य कर सकते..

अतः ये विचार हमें करना है कि काल्पनिक फिल्मी किरदारों से प्रभावित होकर कुछ भी सही गलत करने का फैसला नहीं लेना चाहिए..
जबकि वे खुद उससे नहीं सीख पा रहे जो उस किरदार को निभाते हैं..

इसलिए फिल्मों में चरित्र निभाने वालों को फिल्मों तक ही सीमित रखें वास्तविक जीवन में अपने एवं अपने परिवार के मान एवं सम्मान अथवा जिनसे आपको प्रेम है उसके और उसके परिवार के मान एवं सम्मान की पूरी ज़िम्मेदारी आपकी है..

अतः अच्छी बातों का अनुसरण करें और अपने स्वविवेक का इस्तेमाल करें.. किसी का भी आंख मूंदकर अनुसरण करना कष्टकारी होता है.. हमारे जीवन के लिए भी और समाज के लिए भी..

किसी को पसंद करना अच्छी बात है किन्तु अपने जीवन पर उनको हावी कर लेना समझदारी नहीं है..

हम ही अपने जीवन के सबसे योग्य किरदार हैं..
जो रोल परमात्मा ने हमें दिया है वही असरदार है..

जय हो🙏💐😇